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दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर के प्रांंगण में भव्य दिव्य रामलीला का आयोजन हुआ

भारतीय संस्कृति तथा प्राचीन परम्परा का संरक्षण करने तथा भगवान श्री राम के मर्यादित जीवन से शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिनांक 10अक्टूबर की रात्रि को दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर के प्रांंगण में भव्य दिव्य रामलीला का आयोजन हुआ

रुद्रपुर : भारतीय संस्कृति तथा प्राचीन परम्परा का संरक्षण करने तथा भगवान श्री राम के मर्यादित जीवन से शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिनांक 10अक्टूबर की रात्रि को दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर के प्रांंगण में भव्य दिव्य रामलीला का आयोजन हुआ । उल्लेखनीय है दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर समय-समय पर भारतीय संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन छात्रों के माध्यम से करता रहता है। आज के इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री सुनील खेरा

उप महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय, उत्तराखंड,श्री नीरज शारदा प्रसिद्ध चार्टर्ड एकाउंटेंट और वित्तीय व्यवसाय सलाहकार, शारदा एंड शारदा एल.एल.पी. काठगोदाम का प्रबंधन,सुश्री मीना देवपा नगर आयुक्त उधम सिंह श्री नरेश दुर्गापाल टाइटन कंपनी लिमिटेड के आभूषण प्रभाग में एचओडी-प्रोजेक्ट्स एवं रखरखाव,अमृता शर्मा ,श्री मनोज धीमान,श्री गौतम कथूरिया, श्री हरनाम चौधरी तथा क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्य अतिथियों का स्वागत भारतीय परंपरा का निर्वाह करके किया गया ।

कार्यक्रम में विद्यालय के छात्रों ने अभिनय के द्वारा सभी का मन मोहित कर दिया और दर्शकों ने विभिन्न प्रसंगों का आनंद लिया जैसे – तारका वध , स्वयंवर विवाह ,सीता हरण,संजीवनी बूटी ,सुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा, तथा अधंकार पर प्रकाश पर विजय का रावण वध का प्रसंग ,राम सीता सेवा,आरती का मंचन विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया ।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री सुनील खेरा ने कहा कि दिल्ली पब्लिक स्कूल रुद्रपुर शिक्षा के साथ -साथ विद्यालय में इस प्रकार की अनेक गतिविधियाँ कराता रहता है जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है।

वहीं मुख्य अतिथि श्री ने कहा की यदि भारत को जानना है तो बिना भारत की संस्कृति के बिना हम भारत वर्ष को नहीं जान सकते है।

इस अवसर पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन श्री सुरजीत सिंह ग्रोवर जी ने कहा कि आज हमें श्री राम जैसे मर्यादित पुत्र तथा दशरथ जैसे पिता बनने की आवश्यकता है ।और यदि किसी में ज्ञान के बाद अहंकार आ जाए तो वो रावण के समान ही नष्ट हो जाता है। और उन्होंने सभी अभिभावकों से कहा कि हमें कबीर के दोहे रामायण को पढ़ने की आवश्यकता है ।जिससे हम एक संस्कारित जीवन जी सकते है ।

श्री सिंह ने कहा आज रामलीला विश्व के कई देशों में भिन्न -भिन्न रूपों में आयोजित की जा रहीं है ।हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम अपनी प्राचीन धरोहर को सजोह कर रखें और युवा समाज को इसके प्रति जागरूक करें।जिससे हम राम जैसे चरित्रवान् छात्रों का निर्माण कर पुनः विश्वगुरु बन पाए।

कार्यक्रम के अंत में आगन्तुक अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

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