मां मंसा देवी की 52वीं विशाल शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई।
शोभायात्रा के मुख्य अतिथि हनुमानगढ़ी, अयोध्या के महंत राजू दास महाराज रहे। ढोल-नगाड़ों व गाजे-बाजे के साथ निकाली गई उत्तर भारत की एतिहासिक शोभायात्रा में हस्त निर्मित एवं स्वचलित झांकियों के साथ ही मां मनसा देवी जी के प्रतिमा दर्शन हेतु श्रृद्धालुजन रात्रि करीब तीन बजे तक पलक-पांवड़े बिछाए खड़े रहे
नवरात्रों की अष्टमी (10 अक्टूबर) के सुअवसर पर शोभायात्रा प्रमुख विकास शर्मा खुट्टू के नेतृत्व में मां मंसा देवी की 52वीं विशाल शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। शोभायात्रा के मुख्य अतिथि हनुमानगढ़ी, अयोध्या के महंत राजू दास महाराज रहे। ढोल-नगाड़ों व गाजे-बाजे के साथ निकाली गई उत्तर भारत की एतिहासिक शोभायात्रा में हस्त निर्मित एवं स्वचलित झांकियों के साथ ही मां मनसा देवी जी के प्रतिमा दर्शन हेतु श्रृद्धालुजन रात्रि करीब तीन बजे तक पलक-पांवड़े बिछाए खड़े रहे। इस दौरान ‘बोलो मनसा मैय्या की जय’ के नारों से पूरा नगर गुंजायमान हो गया।
शोभायात्रा में हरियाणा, दिल्ली, बरेली, बहजोई, चंदौसी, मुरादाबाद, एटा, इटावा, हरिद्वार आदि विभिन्न प्रमुख शहरों से आई झांकियों के साथ ही काशीपुर के कलाकारों द्वारा बनाई गई स्वचलित/हस्त निर्मित झांकियों को देखने के लिए श्रृद्धालुजन शोभायात्रा मार्ग पर टकटकी लगाए खड़े रहे। स्वचलित हाथी के साथ ही घोड़े व ऊंट दर्शकों को लुभाते रहे। शोभायात्रा में शामिल डोले में विराजमान मां मनसा देवी जी की प्रतिमा के दर्शन कर आशीर्वाद एवं प्रसाद लेने में श्रृद्धालुजन कतई पीछे नहीं रहे।। शोभायात्रा का विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। जगह-जगह जलपान की व्यवस्था भी की गई।
वहीं, इस बार शोभायात्रा में बालाजी का डोला भी शामिल हुआ जिसमें मां बाल सुंदरी जागरण मंडली द्वारा बाबा के भजनों पर भक्त भाव विभोर हो गये और झूम-झूम कर नाचे।