“लड़की के ब्रेस्ट पकड़ना, पाजामे का नाड़ा तोड़ना… रेप का प्रयास नहीं” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसी टिप्पणी की है!
आरोपियों ने निचली अदालत के समन को Allahabad High Court में चुनौती दी थी. इसमें कहा गया कि आरोपियों ने IPC की धारा 376 के तहत कोई अपराध नहीं किया है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ शिकायत को गंभीरत से लिया जाए. लेकिन गंभीर धाराओं को हटा लिया जाए

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है, “किसी लड़की के स्तनों को पकड़ना, उसके पाजामे का नाड़ा तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना… बलात्कार या बलात्कार के प्रयास का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है.” कोर्ट ने ‘अपराध की तैयारी’ और ‘सच में अपराध करने का प्रयास’ करने में अंतर भी बताया है.
हाईकोर्ट ने दो आरोपियों पर निचली अदालत की ओर से लगाए गए आरोपों में बदलाव के आदेश दिए. लाइव लॉ के मुताबिक, आरोपियों के नाम पवन और आकाश हैं. कासगंज की एक अदालत ने उनको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 18 के तहत दर्ज एक मुकदमे में समन किया था.
दोनों पर एक नाबालिग लड़की के रेप के प्रयास के आरोप लगे थे. पीड़िता को कुछ राहगीरों ने बचाया था, जिससे आरोपी मौके से भागने पर मजबूर हो गए थे. घटना 2021 की है. आरोपियों ने नाबालिग बच्ची से लिफ्ट देने की बात कही. इसके बाद रेप करने का प्रयास किया. पीड़िता के परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई.
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