
उत्तराखंड के चमोली में एक बड़ा हादसा हुआ है. यहां के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने (Uttarakhand Avalanche) से भारी तबाही मच गई. इसकी चपेट में आकर 57 मजदूर दब गए. इनमें से 32 को बचा लिया गया है. हादसे के बाद मौके पर प्रशासन और BRO की टीम रवाना हो गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल ITBP और गढ़वाल स्काउट की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं.
इंडिया टुडे से जुड़े कमल नयन सिलोड़ी और अंकित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के वक्त बड़ी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे. BRO ने एक प्रोजेक्ट का ठेका दिया था और एक प्राइवेट ठेकेदार ने इन मजदूरों को काम पर लगाया था. जैसे ही ग्लेशियर टूटना शुरू हुआ, वैसे ही ये मजदूर अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे. इनमें से कुछ मजदूर तो बचने में कामयाब हो गए, लेकिन 57 इसकी जद में आ गए.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जाहिर किया है. एक X पोस्ट में उन्होंने कहा,
“जनपद चमोली में माणा गांव के पास BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान कई मजदूरों के दबने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों की तरफ से राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है. भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं.”
इस बीच चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने IRS से जुड़े अधिकारियों को रेस्क्यू कार्य करने के आदेश दिए हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के बीच सीमा सड़क संगठन के नजदीक हिमस्खलन की सूचना मिली है. अभी तक इस हादसे में किसी भी तरह की मानवीय क्षति की जानकारी नहीं मिली है. सेना के साथ आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम्स को रेस्क्यू के लिए रवाना किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मजदूर सेना की आवाजाही के लिए सड़क से बर्फ हटाने का काम कर रहे थे. वहीं, पिछले दो दिनों से पहाड़ों में मौसम काफी खराब है. उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. ऐसी तस्वीरें भी आई हैं जहां गाड़ियां पानी में बहती दिखाई दे रही हैं. नदियां उफान पर हैं.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से लैंडस्लाइड की खबर आई थी. यहां के ओट इलाके में लैंडस्लाइड के बाद चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे बंद हो गया. मौसम को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.